उत्तराखंड

सीएम पुष्कर सिंह धामी साहब! तामली गांव में न तो पानी है और ना ही स्वास्थ्य-शिक्षा की सुविधा


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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चुनाव लड़ने से चम्पावत के दूरस्थ गांव तामली के लोगों में विकास की आस जरुर जगी है। मगर मुख्यमंत्री के यहां पहुंचने पर अधिकतर लोगों में उत्साह नहीं दिखा। इसका कारण क्षेत्र में समस्याओं का लंबे समय से अंबार लगा होना है। ग्रामीण आज भी पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं को संघर्ष कर रहे हैं।

आजादी के सात दशक बीतने के बावजूद सीमांत तल्लादेश के कई गांव पिछड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बीते रविवार को यहां पहुंचे तो लोगों ने उनके सामने समस्याओं का अंबार खड़ा कर दिया। गांव के मोहन सिंह, खड़क सिंह, गौरा देवी और निर्मला ने बताया कि सबसे बड़ी किल्लत पानी की है।

हालात यह हैं कि इस गांव में पानी का सुबह के समय बंटवारा होता है। सुबह 6 से 7 बजे तक एक घंटा गांव के लोगों को बारी बारी से पानी बांटा जाता है। जिसके बाद दिनभर नौले में ताला लगा दिया जाता। ग्रामीण प्रहलाद सिंह ने स्वास्थ्य सुविधा को लेकर बताया कि अचानक अगर गांव में किी व्यक्ति की तबीयत खराब हो गई तो वाहन बुक करा कर 55 किमी दूर चम्पावत मुख्यालय जाना पड़ता है।

युवा सौरभ, ज्योति ने बताया कि बड़ी आबादी वाले इस इलाके में शिक्षा के पर्याप्त साधन नहीं हैं। जिस कारण युवाओं का भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है।

लोगों को ये भी नहीं पता क्यों हो रहा उपचुनाव
तल्लादेश के कई ऐसे गांव हैं जहां सुविधाओं के साथ सूचना प्रसारण का भी अभाव है। हालात यह हैं गांव के कुछ लोगों से बात की तो उन्हें ये भी पता नहीं था कि उपचुनाव क्यों हो रहा है। लेटी गांव की महिला दुर्गा देवी और सरस्वती देवी ने बताया कि पानी ढोने में ही सारा दिन बीत जाता है। कहा कि जिले के भीतर अगर कोई बात हो जाए तो कभी कभार दूसरे दिन सूचना मिलती है।

भाजपा सरकार को लगातार दूसरी पंचवर्षीय सत्ता मिली है। लेकिन चम्पावत का तल्लादेश आज भी पुराना जीवन जीने को मजबूर है। सीएम से उम्मीद है कि उनकी समस्याओं को कुछ हद तक दूर करने में कामयाब होंगे। पानी को यहां की जनता संघर्ष कर रही है।
प्रहलाद सिंह, ग्रामीण, तामली।

विधायकी के चुनाव होने के बाद पांच साल में यहां कोई विकास नहीं हुआ। न स्वास्थ्य, न शिक्षा और न ही पानी की किल्लत दूर हुई। बच्चों को बाहरवीं के बाद पढ़ाने के लिए विकल्प नहीं है। गांव की ओर सरकारें ध्यान नहीं देती जिसका नतीजा पलायन का सबसे बड़ा उदाहरण है।
महा सिंह, कांग्रेस कार्यकर्ता, तामली।

पेयजल किल्लत के लिए लिफ्ट योजना तैयार की जाएगी। स्वास्थ्य, शिक्षा और पलायन रोकने को लेकर उपचुनाव के बाद विकास का खाका तैयार किया जाएगा। भाजपा सरकार जनता को दिए गए वादों को पूरा करने के लिए कटिबद्ध है।


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