दिव्यांगों के पहचान पत्र बनाने में देहरादून-अल्मोड़ा सबसे लापरवाह, यूडीआईडी की गति धीमी
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आधार कार्ड की तर्ज पर दिव्यांगजनों के विशिष्ट पहचान पत्र (यूडीआईडी) बनाने की गति राज्य में बिल्कुल धीमी हो गई है। एक साल से अधिक समय बीतने के बावजूद करीब 30% दिव्यांगों को ही योजना का लाभ मिला है जबकि, 69 हजार दिव्यांग अब भी महरूम हैं। सरकारी योजना की इस दुर्गति के पीछे सबसे बड़ी वजह है समाज कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभाग के बीच सामंजस्य की कमी है।
जहां समाज कल्याण विभाग अपने 60% पेंशनधारक दिव्यांगों के यूडीआईडी कार्ड बना चुका है वहीं, नौकरीपेशा या पेंशन न लेने वाले दिव्यांगों की सूची स्वास्थ्य विभाग के स्तर से जिला समाज कल्याण विभाग को उपलब्ध कराने में खासी ढिलाई बरती जा रही है।
अकेले नैनीताल जिले में ही इस लेटलतीफी के कारण 4000 से अधिक दिव्यांगों के यूडीआईडी कार्ड ही नहीं बन सके हैं। इस मामले में देहरादून, अल्मोड़ा, पौड़ी, ऊधमसिंह नगर जैसे बड़े जिले सबसे लापरवाह साबित हो रहे हैं। 1.18 लाख को मिलना है लाभ: राज्य के 1.18 लाख दिव्यांगों का यूडीआईडी कार्ड बनना है। इसमें से करीब 79 हजार दिव्यांग ऐसे हैं जो विभाग से पेंशन ले रहे हैं।
लिस्ट के बिना सत्यापन लटके : जिला समाज कल्याण अधिकारियों की मानें तो विभाग की पेंशन योजनाओं से जुड़े दिव्यांगजनों का सत्यापन कार्य लगभग पूरा हो चुका है। दिक्कत उन आवेदनों में आ रही जो पेंशनर्स के इतर हैं। इन नामों की सूची मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्तर से दी जानी है। जिसके आधार पर संबंधित आवेदकों का सत्यापन होना है। लेकिन, सूची न मिल पाने से सत्यापन प्रक्रिया लटक गई है।
जिला आवेदन कार्ड बने
बागेश्वर 3192 2564 (80.33%)
नैनीताल 1106 5161 (46.64%)
रुद्रप्रयाग 133 1744 (42.20%)
चमोली 6154 2571 (41.78%)
टिहरी 8703 3336 (38.33%)
हरिद्वार 1555 5910 (37.99%)
चंपावत 4450 1569 (31.80%)
पिथौरागढ़ 5594 1729 (30.91%)
पौड़ी 8036 2131 (26.52%)
यूएसनगर 15953 4117 (25.81%)
उत्तरकाशी 5081 1153 (22.69%)
अल्मोड़ा 9894 5161 (13.43%)
देहरादून 20903 1980 (09.47%)
यूडीआईडी कार्ड बनाने का कार्य जारी है। सभी जिलों से आवेदन किए जा रहे हैं। हाल ही में कुमाऊं कमिश्नर स्तर से भी काम में तेजी लाने के आदेश जारी हुए हैं। 1.18 लाख दिव्यांगजनों को योजना का लाभ मिलना है।