नेशनल फुटबाल टीम में खेलेगी दून की अंजना
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दून की अंजना थापा ने दो महिने के कठिन कैंप को सफलता से पूरा करने के बाद भारत की अंडर 20 महिला फुटबाल टीम में जगह बना ली है। अंजना के पिता गढ़ी कैंट में सब्जी की ठेली लगाते हैं। दून के बसंत विहार स्थित फुटबाल अकादमी से अंजना ने पांच साल फुटबाल के गुर सीखे हैं।
अंजना के कोच रहे पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी विरेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि गढ़ी के गल्जवाड़ी की अंजना जब उनके पास कोचिंग के लिए पहली बार आई थी। तभी उसने भारतीय टीम में खेलने के सपने के बारे में बताया था। उस समय उन्हें भी नहीं पता था कि एक साधारण कद काठी की लड़की ये कर पाएगी क्या? करीब पांच साल तक वह उनकी अकादमी में कोचिंग लेती रही। अंजना ने अंडर 20 भारतीय महिला टीम का झारखंड में चला दो माह लम्बा कठिन कैंप पूरा कर लिया है और वह भारतीय टीम की इंडियन एरोज टीम से इंडियन सुपरलीग खेल रही है। उसने टीम के साथ दो मैच खेल लिए हैं और उनकी टीम अंकतालिका में टॉप पर चल रही है।
वीरेन्द्र रावत के अनुसार अंजना के परिवार ने अंजना को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए बड़ा संघर्ष किया है। आर्थिक रूप से सक्षम न होने पर अंजना के लिए फुटबाल किट, जूते, ड्रेस के साथ ही खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए जरुरी हौंसला भी उन्होंने दिया। जब अंजना की टीम हारती थी तो वह रोती थी। लेकिन अब उसने अपनी सभी कमजोरियों पर काबू करना सीख लिया है। दून में प्रशिक्षण लेने के बाद वह दिल्ली के गढ़वाल हीरोज एफसी के लिए दिल्ली लीग में खेली। यही से उसके लिए भारतीय टीम में आने का रास्ता खुला।
प्यार से बोलते हैं कांछी गोरखा मिलिट्री इंटर कालेज की छात्रा रही अंजना के साथ फुटबाल के गुर सीखने वाले उसके साथी खिलाड़ी प्यार से उसे कांछी कहकर बुलाते हैं। अंजना के मुताबिक उन्होंने अपने परिवार को आर्थिक दुश्वारियों से उबारने के लिए लिए बड़ा सपना देखना शुरू किया। उन्हें खुशी है कि वह उस रास्ते पर बढ़ रही हैं।