सरकारी स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियों में कटौती, दो जून से दो जुलाई तक छुट्टियां-शिक्षक नाराज
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उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियों में कटौती होने जा रही है। सरकारी स्कूलों में इस बार 27 मई के बजाए दो जून से छुट्टियां शुरू होंगी जो दो जुलाई तक जारी रहेंगी। शिक्षकों ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। डीजी-शिक्षा बंशीधर तिवारी ने इस की पुष्टि की। उन्होंने सोमवार को बताया कि इस वर्ष अवकाश की व्यवस्था को कुछ संशोधित किया जा रहा है। इससे छात्रों को शिक्षण में लाभ मिलेगा।
इसका आदेश जल्द जारी किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, इस फैसले के पीछे कोरोना को भी वजह बताया जा रहा है। कोरोना की वजह से पिछले दो साल पढ़ाई काफी प्रभावित रही। शिक्षा विभाग का मानना है कि यदि अवकाश अवधि को कुछ आगे बढ़ा दिया जाए तो छात्रों को पढ़ने का कुछ और समय मिल सकता है। फिलहाल यह फैसला गर्मी की छुट्िटयों वाले कम ऊंचाई और मैदानी जिलों के स्कूलों पर लागू होगा।
शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने बताया कि अवकाश का फार्मेट बना लिया है जिसे डीजी से अनुमति के बाद लागू कर दिया जाएगा।मालूम हो कि कुछ समय पहले शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने शिक्षकों की मांग पर गर्मियों की छुट्टियों को 15 दिन कम करने और उसके बदले ईएल की सुविधा देने की बात कही थी। शिक्षक भी लंबी छुट्िटयों के बजाए ईएल की सुविधा की मांग करते आ रहे हैं।
शिक्षक फैसले के खुश नहीं : गर्मियों की छुट्िटयों में कटौती की तैयारी से शिक्षक खुश नहीं है। इससे उनकी पांच छुट्टी खत्म हो जाएंगी। सोशल मीडिया पर इस फैसले को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि पहले तो छुट्टी खत्म नहीं होनी चाहिए। यदि होती हैं तो जितनी कम की जा रही हैं, उतनी ही ईएल मिलनी चाहिए।
शिक्षक त्रिलोचन जोशी ने कहा कि स्कूलों को भी अन्य सरकारी विभागों के समान खोलना चाहिए। ग्रीष्मकालीन-शीतकालीन अवकाश बंदकर दूसरे शनिवार व ईएल सुविधा देनी चाहिए। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ, देहरादून के जिलाध्यक्ष उमेश चौहान ने बताया कि जब पूर्व से ही कैलेंडर वर्ष में कुल अवकाश 35 तय हैं।
उनमे कटौती का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ये 28 मई को पीएम के मन की बात कार्यक्रम के लिए हो रहा है तो शिक्षक जहां रहेगा, वहीं मन की बात सुन सकता है या इसकी रिकार्डिंग सुन सकता है। ऐसे में छुट्िटयों में कटौती नहीं की जानी चाहिए।