उत्तराखंड में अब नए बिजली कनेक्शन लेना नहीं होगा आसान, ऊर्जा निगम ने बदले नियम
Deprecated: preg_split(): Passing null to parameter #3 ($limit) of type int is deprecated in /home/vhp40qgkonz4/public_html/wp-content/themes/jannah/framework/functions/post-functions.php on line 805

उत्तराखंड में बिजली कनेक्शन जारी करने की व्यवस्था बदल दी गई है। ऊर्जा निगम अब बड़े बिजली कनेक्शन छोटे इंजीनियर जारी नहीं कर पाएंगे। एक्सईएन की सीमा को 75 किलोवाट तक सीमित कर दिया गया है। पहले ये सीमा 1000 किलोवाट तक थी। ऊर्जा निगम मुख्यालय की ओर से ये नई व्यवस्था जारी की गई है।
पूर्व में एक हजार किलोवाट तक एक्सईएन, एक हजार से दो हजार किलोवाट तक अधीक्षण अभियंता, दो हजार किलोवाट से ऊपर कनेक्शन जारी करने का अधिकार मुख्य अभियंता को दिया गया था। इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए अब 75 किलोवाट तक एक्सईएन, 75 किलोवाट से ऊपर के कनेक्शन अधीक्षण अभियंता की मंजूरी के बाद ही एक्सईएन जारी करेंगे।
500 केवीए से अधिक 1250 केवीए तक के कनेक्शन मुख्य अभियंता की मंजूरी के बाद अधीक्षण अभियंता जारी करेंगे। 1250 केवी से अधिक 2500 केवी तक के कनेक्शन की फाइल निदेशक परिचालन की संस्तुति के बाद एमडी तक जाएगी। एमडी की मंजूरी के बाद मुख्य अभियंता कनेक्शन जारी कर सकेंगे।
इसके साथ ही सभी प्रकार की स्टील मिल, आर्क, इंडक्शन फर्नेस, रोलिंग मिल्स, मिनी स्टील प्लांटस के नए कनेक्शन भी मुख्यालय स्तर से मंजूर किए जाएंगे। एमडी अनिल कुमार ने नई व्यवस्था की पुष्टि की।
एमडी खैरवाल के समय फील्ड के बढ़ गए थे अधिकार: पूर्व में भी बिजली कनेक्शन जारी करने को वर्तमान व्यवस्था ही लागू थी। एमडी पद पर आईएएस नीरज खैरवाल के आने के बाद व्यवस्था बदल दी गई थी। उन्होंने फील्ड के इंजीनियरों के अधिकारों में बढ़ोतरी कर दी थी। आईएएस अफसरों की विदाई होते ही फिर पुरानी व्यवस्था को बहाल कर दिया गया।
2500 केवीए से अधिक के कनेक्शन को कमेटी
2500 केवीए से अधिक के बिजली कनेक्शन जारी करने को एक कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में प्रबंध निदेशक, निदेशक परिचालन, निदेशक प्रोजेक्ट रहेंगे। निदेशक परिचालन से अटैच एसई इस कमेटी के संयोजक रहेंगे।
लोड मंजूर करने की भी व्यवस्था बदली
नए कनेक्शन जारी करने के साथ ही पूर्व में स्वीकृत कनेक्शनों का यदि लोड बढ़ाया जाता है, तो उसकी भी व्यवस्था बदल दी गई है। उसमें भी इंजीनियरों के अधिकार एक्सईएन से लेकर मुख्यालय तक तय किए गए।